नईनवेली दुलहन थी वह. ससुराल में कदम रखे कुछ ही दिन बीते थे लेकिन वृद्ध ससुरजी के मनोभावों को इतनी अच्छी तरह समझ गई थी जिसे शायद बरसों से साथ रह रहे सदस्यों ने समझने की कभी जरूरत ही नहीं समझी.