पार्टी के नाम पर उसे अगवा करने की कुत्सित योजना शीला के सामने स्पष्ट हो चुकी थी. भावावेश में वह शकीला की ओर देखती है और अजीब सी सिहरन शरीर में भर जाती है. अब शीला के पास अपने सम्मान की रक्षा का एक ही विकल्प था, पहल.