सवाल-

मेरे जबड़े बहुत अंदर हैं, जिस से चेहरे का संतुलन बिगड़ गया है. क्या कोई ऐसी दवा है जिसे लेने से जौ लाइन में सुधार आ सकता हो?

जवाब-

यह समस्या चेहरे की हड्डियों के ठीक अनुपात में विकसित न होने से खड़ी हुई हो सकती है. अकसर यह स्थिति आनुवंशिक होती है और इसे किसी दवा से नहीं सुधारा जा सकता. यदि आप इस समस्या से बहुत परेशान हैं तो अच्छा होगा कि आप किसी योग्य प्लास्टिक सर्जन से परामर्श लें. कुछ प्लास्टिक सर्जन मग्जोलाफशियल ऐस्थैटिक सर्जरी में विशेषरूप से निपुणता रखते हैं. आप के शहर में कोई ऐसा योग्य सर्जन हो तो उस से कंसल्ट करें और सर्जरी से जौ लाइन में कितना और क्या सुधार हो सकता है, इस पर विचारविमर्श करें. क्याक्या परेशानी हो सकती है, कितना समय लगेगा, क्या खर्च आएगा, इस बाबत ठीक से जान लेने के बाद ही सर्जरी कराने का फैसला लें.

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आप सभी जानते हैं कि ब्रशिंग, फ्लॉसिंग और मुंह में एंटीसेप्टिक सलूशन के साथ मुंह को अच्छे से कुल्ला करना बहुत ही अनिवार्य है. यह करने से मुंह में टारटर यानी कि प्लाक नहीं बनता है.

टार्टर क्या है?

जब आप अच्छे से ब्रश नहीं करते हैं और मुंह का अच्छे से ध्यान नहीं रखते हैं तो मुंह में कुछ प्रकार के बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं, यह बैक्टीरिया जब अपने खाने और खाने के जो प्रोटीन है उससे मिलते हैं तो एक चिपचिपी परत बना देते हैं, उस परत को प्लाक कहते हैं. प्लाक बहुत तरह के बैक्टीरिया से बनता है जो कि अपने दांत की बाहरी परत जो कि इनेमल कहलाती है, उसे खराब करता है और उसमें कैविटी यानी कि कीड़े उतपन्न करता है. तो जब हम इसको हटा देंगे तो मुंह में कैविटी यानी कीड़े नहीं लगेंगे और मसूड़े भी स्वस्थ रहेंगे.
सबसे बड़ी दिक्कत तब आती है जब यह प्लाक आपके दांतों पर हमेशा रहता है और एक बहुत ही कड़क पर में बदल जाता है.
टाटर को हम कैलकुलस भी कहते हैं
जो कि दांत के ऊपर और मसूड़ों के अंदर बन जाती है. यह दांतो को हिला देती है और दातों में झनझनाहट कर देती है.यह परत डेंटल क्लीनिक में एक स्पेशल इंस्ट्रूमेंट से निकाली जा सकती है.

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