विधानसभा चुनाव के पर्यवेक्षक के रूप में मुझे आतंकवादी गतिविधियों से ग्रसित राज्य मणिपुर जाने का मौका मिला. वहां पर मेरी मुलाकात शर्मिला नामक एक सामाजिक कार्यकर्ता से हुई. उस ने जिन बातों का रहस्योद्घाटन किया उसे सुन कर मैं स्तब्ध रह गया.