शरद को दिलोजान से चाहा था सुरभि ने. पूरा भरोसा था उसे शरद पर. भविष्य की एक रंगीन दुनिया सजा ली थी दोनों ने. लेकिन नियति को तो कुछ और ही मंजूर था.