बढ़ती महंगाई, औरतों के पास समय की कमी, शौपिंग मौल कल्चर आदि ने प्रीकट वैजिटेबल्स के उपयोग को बढ़ावा दिया है. आज लोग सप्ताह में 1 दिन बाजार जा कर पूरे सप्ताह की सब्जियां खरीद कर फ्रिज में रख लेते हैं ताकि रोजरोज सब्जी खरीदने के लिए समय बरबाद न करना पड़े. इन सब्जियों को ज्यादातर थर्मोकोल की ट्रे में काट कर प्लास्टिक के कवर से ढक कर शून्य से 4 डिग्री सैल्सियस तापमान में स्टोर कर दिया जाता है. मौल्स के अलावा अब लोकल सब्जी विक्रेता भी इसी कौंसैप्ट को फौलो कर रहे हैं. फ्रिज न होने पर भी वे सब्जियों को काट कर प्लास्टिक से कवर कर रख लेते हैं. इन में ज्यादातर बेबीकौर्न, मशरूम, ब्रोकली, छिला लहसुन आदि होता है.
ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि ये सब्जियां हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं या नहीं. वर्ल्ड हैल्थ डे के अवसर पर कुछ ऐक्सपर्ट्स ने माना कि जो लोग बाजार से कटी कुछ सब्जियां लाते हैं वे केवल 10 से 15 मिनट अतिरिक्त खर्च न कर अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता करते हैं. जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है. अगर सही तापमान में सब्जियों और अंकुरित दालों को रखा जाए तो उन का स्वाद और गुण दोनों सुरक्षित रहते हैं. मुंबई की न्यूट्रीशनिस्ट और डायबेटोलौजिस्ट डा. प्रीति राहुल बताती हैं कि आजकल ज्यादातर महिलाएं वर्किंग हैं. ऐसे में उन्हें स्मार्ट कुकिंग करनी पड़ती है, जिस में प्रीकट वैजिटेबल्स उन के काम को आसान बनाती हैं. नूडल्स, फ्राइड राइस आदि में कई सब्जियों का प्रयोग होता है. ऐसे में प्रीकट सब्जियां उपलब्ध होने पर आसानी रहती है.