सवाल
मैं 29 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मेरी दोनों डिलिवरी सिजेरियन हुई है. प्रसव के बाद मेरे जोड़ों में काफी दर्द रहने लगा है. मैं क्या करूं?
जवाब
कई महिलाएं गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान अपने खानपान का ध्यान नहीं रखतीं, जबकि इस दौरान उन के शरीर को पोषक तत्त्वों की काफी अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है. इन की कमी से हड्डियों की कमजोरी का कारण बन जाती है. गर्भावस्था और प्रसव के दौरान शरीर में कई रासायनिक और हारमोनल परिवर्तन होते हैं जिन का प्रभाव जोड़ों पर भी पड़ता है. गर्भावस्था में वजन बढ़ने से भी कमर, कूल्हों और घुटनों के जोड़ों पर दबाव पड़ता है और उन में टूटफूट की प्रक्रिया तेज हो जाती है. अत: अपने खानपान का ध्यान रखें, बढ़े हुए वजन को कम करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें.
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मेरी मां की उम्र 56 साल है. डायग्नोसिस कराने पर पता चला कि उन्हें औस्टियोआर्थ्राइटिस है. इस का क्या उपचार है?
सवाल
औस्टियोआर्थ्राइटिस में जोड़ों के कार्टिलेज क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. जब ऐसा होता है तो हड्डियों के बीच कुशन न रहने से वे आपस में टकराती हैं, जिस से जोड़ों में दर्द होना, सूजन आ जाना, कड़ापन और मूवमैंट प्रभावित होने जैसी समस्याएं हो जाती हैं. औस्टियोआर्थ्राइटिस के कारण घुटनों के जोड़ों के खराब होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. कई उपाय हैं जिन के द्वारा आप औस्टियोआर्थ्राइटिस के कारण होने वाली जटिलताओं को कम कर सकते हैं. कैल्सियम और विटामिन डी से भरपूर भोजन का सेवन करें, अपना वजन न बढ़ने दें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, रोज कम से कम 1 मील पैदल चलें. ऐसा करने से बोन मास बढ़ता है.