जब आप पौधे लगाते हैं उन की खूबसूरती, सुगंध व महक यह तो नहीं देखती कि आप अपने घर में रहते हैं या किराए के घर में. घर तो घर है और वह तभी सुख देता है जब उस के आसपास हरियाली हो. घर के बैडरूम में बड़ी सी खिड़की के सामने बैठ कर आप अपनी बगिया का आनंद ले सकें, जिस में फूलों की भीनी खुशबू हो, पेड़पौधों की ताजगीहो, फलों की मीठी महक हो, तो घर से मिलने वाला सुकून लाजवाब हो जाता है. दरअसल घर की सजावट के साथसाथ ये पेड़पौधे स्फूर्ति, ताजगी और ठंडक भी प्रदान करते हैं.
डा. रेखा आनंद का अपना अस्पताल है, लेकिन घर हो या अस्पताल डा. रेखा आनंद का बागबानी के प्रति शौक सिर चढ़ कर बोलता है. इसीलिए उन्होंने जब भी कभी घर बदला या कभी अस्पताल शिफ्ट किया तो आसपास के वातावरण को वरीयता दी. पूर्वी दिल्ली के 50 बिस्तर के आनंद अस्पताल को खोलते समय उन्होंने इस बात पर विशेष ध्यान दिया कि अस्पताल में जहां उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएं, वहीं अंदरबाहर सजीव, स्वास्थ्यवर्धक वातावरण भी हो. धूलमिट्टी को अपने में समाहित करती सदाहरित, बोगनविलिआ के पौधे लगाए, जो सुंदर परदों का काम भी देते थे. रंगीन मनमोहक पत्तों वाले क्रोटन के पौधे अपनी मनोहारी छटा बिखेरते थे. कमरों में इनडोर सजावटी पौधे रखे तो गुलदान में मौसमी फूल भी.
ठंडक, ताजगी और सजीवता प्रदान करने का उन का यही जज्बा तब भी काम आया जब उन्होंने चंडीगढ़ 3 कनाल के घर में शिफ्ट करना चाहा. सब से पहले प्लानिंग की. गेट के बाहर लगे पेड़ों के इर्दगिर्द गोल ईंटों के दायरे बनवाए. मिक्स्ड फार्मिंग वाले कौंसैप्ट को अपना कर फूलों के साथ पेड़ों के इर्दगिर्द बेलें चढ़ाईं. इकहरे तन की रंगून लता (कुईसकुआलिस इंडिका) तो सारा वर्ष उन के हरेभरे घर का आभूषण बनी रहती है. र उन की प्लानिंग का हिस्सा बना ड्राइव इन. वहां उन्होंने दोनों ओर कोचिया के पौधे गमलों में सजाए. पोर्च तक गाड़ी पहुंचतेपहुंचते नजर 3 स्टैप्स के आयरन स्टैंड पर सब से ऊपर रखे क्रोटन के चिकने रंगदार पत्तों के गमले, दूसरे स्टैप पर ऐसपैरागस के पौधों और सब से नीचे कोलियस ब्लूमी के सजावटी पौधों पर इस प्रकार पड़ती है कि देखने वाला ठिठक कर रह जाता है.