सवाल-
मैं 18 वर्षीय बास्केटबौल खिलाड़ी हूं. पिछले महीने बास्केटबौल खेलते हुए मैं तेजी से भागने के दौरान एक खिलाड़ी से टकरा गया था. हालांकि मैं तुरंत अपने पैरों पर खड़ा हो गया, लेकिन मेरी गरदन अब तक ठीक नहीं हो पाई है. जब मैं उसे घुमाता हूं तो दर्द महसूस होता है और सिर भी भारी लगता है. मुझे आराम करने की सलाह दी गई है. कोई चिंता की बात तो नहीं है?
जवाब-
लगता है, आप गरदन में मोच की एक खास समस्या से पीडि़त हैं, जिस में गरदन की नसें और लिगामैंट्स चोटिल होते हैं. ये नसें और लिगामैंट्स सौफ्ट टिशू होते हैं, जो गरदन की हड्डियों को जोड़ते हैं. तेज और अचानक के झटके से ये चोटिल हो सकते हैं. आप को ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है. गरदन को पर्याप्त आराम दें और डाक्टर की सलाह पर चलें. जरूरत पड़ने पर गरदन को सपोर्ट देने वाले कौलर का इस्तेमाल करें. इस तरह की इंजरी समय के साथ खुद ठीक हो जाती है.
सवाल
मेरी उम्र 35 वर्ष है. पिछले 5 वर्षों से डिप्रैशन में रहने के कारण मेरा वजन बहुत बढ़ गया है. 75 किलोग्राम से बढ़ कर 90 किलोग्राम हो गया है. डाक्टर बताते हैं कि स्वास्थ्य की दृष्टि से यह बड़ी समस्या बन सकती है. क्या अत्यधिक वजन के कारण मेरे घुटने भी प्रभावित हो सकते हैं?
जवाब-
हां. बढ़ते वजन का मतलब है कि उसी अनुपात में घुटनों के जोड़ों पर दबाव बढ़ना. आखिर हमारे घुटनों और टांगों को ही पूरी जिंदगी हमारे शरीर का वजन ढोना पड़ता है. बढ़ती उम्र में घुटनों में किसी न किसी तरीके से घिसाव आने लगता है. साथ ही यदि शरीर का वजन भी बढ़ता है, तो घुटनों में घिसाव और तेजी से होने लगता है. अत: जब तक घुटने काम करते रहते हैं, अच्छी तरह वर्कआउट करें. घुटनों की परेशानी बढ़ने से पहले ही अपने वजन को कम करने की कोशिश करें.