छौंक यानी तड़के का प्रयोग दाल, दही, कढ़ी, सूखी सब्जी, पुलाव, खिचड़ी व कुछ नाश्तों के लिए भी किया जाता है. छौंक खाने को स्वादिष्ठ तो बनाता ही है, साथ ही स्वास्थ्यवर्द्धक भी होता है.
तड़का मुख्यतया 2 तरीकों से लगाया जाता है. पहला तैयार खाद्यपदार्थ पर मसलन दाल, कढ़ी, छाछ, सूखी सब्जी, ढोकला, खांडवी आदि बन जाने के बाद और दूसरा सब्जियों, पुलाव, खिचड़ी आदि में डाल कर पकाने से पहले.
दोनों ही तरीकों के छौंक से खुशबू, स्वाद तो बढ़ ही जाता है, साथ ही सेहत के लिए भी यह फायदेमंद होता है.
आइए, जानें अलगअलग तड़कों के बारे में:
तड़के और सेहत
तड़का लगाने अथवा बघार के लिए हम जिनजिन चीजों का इस्तेमाल करते हैं, वे हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद होती हैं. तड़के में टमाटर की बात करें तो वह रक्त संबंधी रोग जैसे दांतों से खून बहना, त्वचा पर लाल चकत्ते बनना, मसूड़ों में सूजन आदि से मुक्ति दिलाता है.
हींग कब्ज को दूर कर खाने को पचाने में सहायक है. अजवाइन गैस बनाने वाली चीजों से रोकथाम करती है.
लालमिर्च कोलैस्ट्रौल से बचाव करती है. कलौंजी, मेथीदाना जोड़ों के दर्द के लिए बहुत ही उपयुक्त हैं.
मेथीदाना पाचनशक्ति को बढ़ाने के साथसाथ इन्फैक्शन से भी बचाता है. आयुर्वेद के अंदर डायबिटीज में भी इस का प्रयोग बताया गया है.
सौंफ सांस की बदबू से राहत दिलाती है. साथ ही हाजमे के लिए भी उपयुक्त है. लहसुन में ऐंटीऔक्सीडैंट, ऐंटीबैक्टीरियल एवं ऐंटीसैप्टिक गुण पाए जाते हैं. यह ब्लडप्रैशर, कोलैस्ट्रौल को कम करने व हार्ट के लिए काफी लाभदायक होता है.
कढ़ी का स्पैशल तड़का
तड़के से कढ़ी का स्वाद अलग ही हो जाता है. 4 लोगों के लिए कढ़ी बनी है, तो उस में 1 बड़े चम्मच तेल में 1 छोटा चम्मच जीरा चटकाएं. फिर 1/2 छोटा चम्मच मेथीदाना और 1 छोटा चम्मच राई डालें. उस के बाद 1/2 छोटा चम्मच कुटी लालमिर्च व 3 साबूत लालमिर्चें भूनें. फिर चुटकी भर हींग पाउडर व 10-12 करीपत्ते भून कर कढ़ी में बघार लगा दें. खाना खाते समय उंगलियां चाटते रह जाएंगे.