आपने कमाई शुरू होने के साथ ही फाइनैंशल प्लानिंग की होगी. लेकिन संभव है कि आप केवल सोच कर ही रह गए होंगे. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि इन नियमों को अपनाने से आप फाइनैंशल प्लानिंग में सफल होंगे. जिन युवाओं ने कुछ समय पहले ही अपना करियर शुरू किया है या वे लोग जो काफी समय से नौकरी कर रहे हैं उनके लिए भी यह नियम लाभकारी साबित हो सकते हैं.
पर्सनल फाइनैंश का पहला रूल है, 'पे योरसेल्फ फर्स्ट'. इस रूल के मुताबिक आपको अपनी हर महीने की सैलरी में से एक निश्चित धनराशि बचा लेनी चाहिए, इससे पहले कि वह खर्च हो जाए. इसके साथ ही अधिक खर्च करने से बचने के लिए आप अपने खर्चों का आकलन कर लें और फिर कुछ बचत कर लें.
जो लोग अपने करियर के शुरुआती दौर में हैं उन्हें अपनी सैलरी पर टैक्स चुकाने के बाद उसका हर माह करीब 10 फीसदी सेव करना चाहिए. हालांकि जैसे-जैसे समय बीतता जाए उन्हें इस अनुपात को बढ़ाकर 15 फीसदी कर देना चाहिए. उम्र बढ़ने के साथ आप ध्यान दें कि सैलरी का इतना हिस्सा बचा सकें कि अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकें.
आप कन्फ्यूज रहते होंगे कि हर महीने कितना सेव करें और कितना खर्च, तो 50-20-30 का रूल अपनाएं. यानी की आप अपनी आय का 50 फीसदी जीविका पर खर्च करें. 20 फीसदी सेव करें और बाकी के 30 फीसदी घूमने, खाने पीने और पार्टी करने पर खर्च करें.
अगर आप कार खरीदने जा रहे हैं तो 20/4/10 रूल को अपनाएं. यानी कि कार खरीदते समय आप उसकी कीमत का 20 फीसदी डाउन पेमेंट जरूर करें. कार की ईएमआई चार साल तक के लिए ही कराएं और इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आप अपनी इन हैंड सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा कार की ईएमआई में दें.