हमारा शरीर बहुत ही संवेदनशील होता है. नाक, कान, आंख और त्वचा हमारे शरीर के ऐसे संवेदनशील अंग हैं जिनमें एलर्जी बहुत ही आसानी से हो जाती है. कुछ लोग इतने सेंसिटिव यानी संवेदनशील होते हैं कि उन्हें खाने-पीने की चीजों से भी एलर्जी हो जाती है. कुछ बूढ़े और बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें अनाज से भी एलर्जी की समस्या होती है. कुछ लोगों को दूध से, अंडे से, मछली से, एलर्जी होती है. कुछ लोगों को दवाइयों से तो कुछ को कीड़े -मकोड़ों के काटने से भी एलर्जी हो जाती है. कई बार कई लोगों को किसी तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट यानी कौस्मेटिक के इस्तेमाल से भी एलर्जी हो जाती है.
सबसे पहले हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि एलर्जी होने के क्या कारण हैं? और इसका घरेलू इलाज क्या है? एलर्जी शरीर में कई तरह से होती है. एलर्जी का मुख्य कारण आजकल की प्रदूषित हवा है. धूल, मिट्टी के कण हमारी नाक में जाने से हमें बार-बार छींक आने से और मौसम में होने वाले परिवर्तन के कारण कई बार एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो जाती है. किसी-किसी को लकड़ी, फल, अनाज की धूल आदि से भी एलर्जी हो जाती है. जानवरों को छूने से या उनके आसपास होने के कारण खुजली होना भी एलर्जी है. कुछ दवाइयों के कारण भी एलर्जी हो सकती है, इसलिए एलर्जी का इलाज बेहद जरूरी है.
एलर्जी के लक्षण
नाक में सूजन आ जाना सर्दी जुखाम बना रहना और तेज खासी और बुखार जैसी समस्याएं लगातार बने रहना या फिर सर्दियों में नाक बहना, एलर्जी के लक्षण हैं.