पैसों (लोन) की आसान उपलब्धता के चलते आज हर कोई अपने खुद के घर को खरीदने की योजना बना लेता है. इस सूरत में लोग डाउन पेमेंट के लिए तो अपनी सेविंग में से एकमुश्त राशि जुटा लेते हैं, लेकिन वो बाकी के पैसों के लिए अपनी क्षमता के मुताबिक बैंक का सहारा लेते हैं. ऐसे में जरा सोचिए कि काफी मशक्कत के बाद जब आप अपना घर पा लेते हैं और उसके बाद अगर आप ईएमआई न चुकाने की स्थिति में आ जाएं तो क्या होगा?

मान लीजिए घर का मालिकाना हक पा लेने के बाद आपकी नौकरी चली जाए तब आप क्या करेंगे? यह आपके लिए एक बेहद गंभीर स्थिति होगी. ऐसे में आपकी वित्तीय स्थिति तो खराब होगी ही, लेकिन आप लोन का भुगतान न कर पाने की स्थिति में भी आ चुके होंगे. ऐसे में यह जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है कि इस स्थिति में आ जाने पर आपको क्या करना चाहिए.

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लोन के भुगतान में देरी पर क्या होता है?

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक अगर लगातार 90 दिनों तक लोन के संबंध में किसी भी राशि या ईएमआई (EMI) का भुगतान नहीं किया जाता है तो इसे नौन परफार्मिंग एसेट्स (एनपीए) मान लिया जाता है. ऐसी स्थिति में बैंक खाताधारक को एक नोटिस भेजेगा जिसमें कहा जाएगा कि वो लोन की कुल राशि का भुगतान एक बार में कर दे. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं (लोन का भुगतान) तो बैंक आपको कानूनी कार्यवाही की धमकी भी दे सकता है.

लोन लेने के बाद न चुकाने की सूरत में क्या होता है?

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