बैंक में खाते खुलने के बाद ग्राहक को एक एटीएम कार्ड उपलब्ध करवाया जाता है. यह कार्ड एटीएम मशीन से नकदी निकासी और पीओएस मशीन से स्वाइप किया जाता है. लेकिन बहुत कम लोग यह बात जानते हैं एटीएम कार्ड मिलते ही उपभोक्ता का बीमा हो जाता है. अगर आपके पास किसी भी सरकारी और गैर सरकारी बैंक का एटीएम कार्ड तो आप यह मान सकती हैं कि आपका उस बैंक में दुर्घटना बीमा हो चुका है.
इस तरह का बीमा 25,000 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक हो सकता है. हालांकि यह योजना कई साल पहले शुरू हो चुकी है लेकिन 90 से 95 फीसदी लोग इस जानकारी से अनजान होते हैं क्योंकि आमतौर पर बैंक यह जानकारी अपने ग्राहकों को नहीं देते हैं.
अलग-अलग तरह के मुआवजे का प्रावधान
एटीएम कार्ड धारक इस तरह के बीमा के मुताबिक आंशिक विकलांगता से लेकर मृत्यु होने तक अलग-अलग तरह का मुआवजा दिया जाता है. दिलचस्प बात यह है कि एटीएम धारक को इसके लिए एक भी पैसा नहीं अदा करना होता है. यानी आप एटीएम कार्ड मिलते ही दुर्घटना बीमा पाने के हकदार हो जाते हैं.
आप की अनुपस्थिति में परिवार वालों को मिलेगा मुआवजा
अगर किसी कारणवश एटीएम कार्डधारक की मृत्यु हो जाती है तो उस धारक के घरवालों को मुआवजा दिया जाता है, लेकिन आमतौर पर बैंक अपने ग्राहको को यह जानकारी नहीं देते हैं.
कार्ड के आधार पर तय होती है मुआवजे की राशि
अगर आपके पास साधारण एटीएम कार्ड है तो अचानक मौत होने पर 1 लाख रुपए तक का मुआवजा धारक के परिवार वालों को मिलेगा, लेकिन अगर कार्ड मास्टरकार्ड है तो यह मुआवजा 2 लाख हो सकता है. वहीं आंशिक विकलांगता की स्थिति में बैंक की ओर से धारक को 50,000 रुपए तक का मुआवजा मिलता है. वहीं अगर धारक के दोनों हाथ या दोनों पैर खराब हो जाते हैं तो उसे 1 लाख रुपए तक का मुआवजा मिल सकता है.