नौकरीपेशा लोगों को सबसे ज्यादा चिंता अपनी सैलरी पर लगने वाले टैक्स की होती है. सैलरी पर लगने वाले टैक्स के बारे में कम लोग ही जानते हैं.

जब बचाना हो सैलेरी पर इनकम टैक्स

1. मोबाइल या टेलिफोन रिम्बर्समेंट

अगर आपका नियोक्ता काम के लिए आपको मोबाइल, टेलिफोन या इंटरनेट कनेक्शन दे रहा है तो आप 100 फीसदी टैक्‍स छूट क्लेम की मांग कर सकते हैं. इसके लिए आपको बिल पेश करना होगा. इसके लिए केवल पोस्टपेड कनेक्शन ही वैध हैं.

2. मेडिकल अलाउंस

नियोक्ता अपने कर्मचारी को सेवा के दौरान किए गए मेडिकल खर्चे का भुगतान भी भत्ते के रूप में करता है. यह भुगतान आपको बिल के बदले मिलता है, इसके लिए आपको मेडिकल खर्च की रसीद देनी होती है. टैक्स की दृष्टि से 15,000 रुपए सालाना के मेडिकल बिल टैक्‍स मुक्त हैं.

3. लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA)

छुट्टियों के दौरान कुछ नियोक्ता अपने कर्माचारियों को यह भत्ता भी देता है, जिसमें आपके परिवार का ट्रैवल खर्च भी शामिल होता है. टैक्स में राहत लेने के लिए सफर के खर्चे की सभी रसीदें जरूरी हैं. साथ ही सफर के खर्च के अलावा किसी भी प्रकार का खर्च आपके LTA में शामिल नहीं होगा. 4 वित्त वर्षों के दौरान सिर्फ 2 यात्राएं कर छूट के दायरे में आती हैं.

4. एंटरटेंमेंट अलाउंस

यह केवल सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है. 5,000 रुपए की राशि, सैलरी का पांचवा हिस्सा या फिर असल एंटरटेंनमेंट में से, जो भी कम होता है उसपर यह छूट मिलती है.

5. हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance)

घर का रेंट चुकाने के लिए मिलने वाला भत्ता. HRA बेसिक सैलरी का 40 से 50 फीसदी तक होता है, जो कि आपके स्थानीय निवास पर निर्भर करता है. कई नौकरीपेशा लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. यह असल एचआरए, सैलरी का 40 फीसदी, किराए में सैलरी का 10 फीसदी घटा कर, इसमें से जो भी कम होता है उस पर छूट दी जाती है.

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