हम में से ज्यादातर लोगों को किसी आलीशान होटल या बड़ी इमारत से ज्यादा प्रकृति के करीब जाना ज्यादा पसंद होता है. आपको भी अगर ऐसी ही जगह पर घूमने का शौक है, तो हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी जगह के बारे में जहां पर देश-विदेश से हजारों पर्यटक सिर्फ बोटिंग करने के लिए आते हैं.
उम्नाघाट, भारत-बांग्लादेश सीमा के पास पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के एक छोटे लेकिन व्यस्त कस्बे दावकी के बीच से बहती है. यह कस्बा राजधानी शिलांग से मात्र 95 किलोमीटर दूर है. इस नदी की खास बात ये हैं कि ये कांच जैसी पारदर्शी है.
ये है खास बातें
दावकी भारत और बांग्लादेश के बीच एक व्यस्त व्यापार मार्ग की तरह कार्य करता है. हर दिन सैकड़ों ट्रक इस कस्बे से होकर गुजरते हैं. उम्नगोत आस-पास के क्षेत्रों के मछुआरों के लिए मछली पकड़ने की एक प्रमुख जगह है.
यह मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 95 किलोमीटर दूर है. इस पर बोटिंग करने से ऐसा लगेगा जैसे कांच पर तैर रहे हो कुछ लोगों को विश्वास नहीं होता कि इतनी साफ नदी हमारे देश में भी हो सकती है, जिसमें कूड़े का एक टुकड़ा भी नजर नहीं आता इसके सफाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस पर नाव के चलने पर ऐसा लगता है कि मानो की वह किसी कांच के पारदर्शी टुकड़े पर तैर रही हो.
साफ-सफाई पर सख्त है कानून
अंग्रेजों ने इस पर एक ब्रिज भी बनवाया है इस नदी में बड़ी संख्या में मछलियां भी मिलती हैं सफाई का सख्ती से पालन किया जाता है. जाड़े में यदि और भी खूबसूरत और साफ नजर आती है यह आने वाले सभी यात्रियों से यह कहा जाता है कि वह किसी भी तरह की गंदगी ना फैलाएं यदि वह ऐसा करते हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाती है.