फिल्म ‘दंगल’ में फ्री स्टाइल रेसलर और कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट गीता फोगट और उसकी रेसलर बहन बबीता कुमारी की भूमिका निभाने वाली फातिमा शेख और सान्या मल्होत्रा अपने चरित्र को लेकर खास चिंतित हैं. उन्होंने इस किरदार को जीवंत करने के लिए बहुत मेहनत की है.
रियल लाइफ के कोच के संरक्षण में उन्होंने 8 महीने तक प्रशिक्षण लिया. यह फिल्म उन दोनों के लिए चुनौती है और आगे दर्शकों की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रही हैं. उनसे मिलकर बात करना अच्छा था. आइये जाने कैसे उन्होंने इस भूमिका को निभाया है.
प्र. आप दोनों अपने बारें में बतायें.
सान्या मल्होत्रा - मैं दिल्ली की हूं और बचपन से ही अभिनय का शौक था. पर दिल्ली में ऐसा कुछ खास नहीं है. फिर मैंने कंटेम्पर्री, बैले, हिप-हॉप सब तरह का डांस सीख लिया. पिता की आज्ञा लेकर केवल 15 दिनों के लिए मुंबई अपने दोस्तों के साथ रहने आई. फिर वापस दिल्ली गई और कहा कि मुझे एक्टिंग करनी है. मुझे मुंबई में रहना पड़ेगा. मेरे पिता एक पल के लिए रुके और बोले कि मुझे पता है कि तुम अच्छा करोगी, इसलिए जाओ. मेरे माता पिता ने मेरे काम के लिए बहुत सहयोग दिया.
मैं मुंबई आई, 4-5 महीने तक तो पता नहीं चला कि मैं क्या करूं, कहां जाऊं, किसको कॉल करूं, आदि चलता रहा. लेकिन धीरे-धीरे ऐड में काम मिलने लगा, काफी संघर्ष था. फिर मुझे दंगल फिल्म के गीता की भूमिका की ऑडिशन के लिए कॉल आया. मैंने ऑडिशन दिया और काफी अच्छा ऑडिशन हुआ था. फिर भी एक महीने तक कोई उत्तर नहीं मिला. लेकिन आशा थी कि यह भूमिका शायद मुझे ही मिलेगी.
इस दौरान मैं मेरी मां की बर्थडे के लिए दिल्ली जा रही थी कि मुझे कॉल आया कि आप शॉर्टलिस्ट हो चुके हो. आपसे आमिर खान मिलना चाहते हैं. मैं एयरपोर्ट में थी, इसलिए वहां से लौटकर आने की बात कही. यहां आकर देखा कि 15 लड़कियां अब भी मेरे सामने थी. यह एक और बाधा थी. उसमें कुछ लड़कियां गीता तो कुछ बबीता के लिए ऑडिशन दे रही थी. लेकिन अंत में मुझे बबीता की भूमिका मिली और यहीं से मेरी जर्नी शुरू हो गई.