हम 21वीं सदी में पहुंच चुके हैं. नासा के वैज्ञानिक चंद्रमा और मंगल ग्रह की यात्रा कर चुके हैं. विज्ञान नित नए आविष्कार कर रहा है. वैज्ञानिक प्रगति के आगे हर इंसान बौना हो गया है. मगर राकेश रोशन जैसे चंद बौलीवुड के फिल्मकार आज भी 19 वीं सदी में जी रहे हैं. वह खुद अंधविश्वास के शिकार हैं और लोगों को भी अंधविश्वास की ओर ही ले जाना चाहते हैं. राकेश रोशन चिल्ला चिल्लाकर दावा कर रहे हैं कि जब भी उन्होंने अपनी फिल्म के प्रदर्शन की तारीख बदली, उनकी फिल्म असफल हुई. अपने इसी अंधविश्वास के चलते वह किसी भी सूरत में फिल्म ‘काबिल’ के प्रदर्शन की तारीख नहीं बदलना चाहते. इसी तर्क पर राकेश रोशन ने शाहरुख खान को बैरंग वापस भेज दिया कि वह फिल्म ‘काबिल’ के प्रदर्शन की तारीख नहीं बदलेंगे.
राकेश रोशन अपने अंधविश्वास पर कायम हैं. जबकि बौलीवुड में चर्चाएं हैं कि राकेश रोशन अपने इसी अंधविश्वास के चलते अपने बेटे रितिक रोशन के करियर के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. बौलीवुड में हो रही इन चर्चाओं में काफी दम नजर आ रहा है. यदि राकेश रोशन चाहते तो बाक्स आफिस पर बुरी तरह से मात खा चुकी फिल्म ‘मोहन जो दाड़ो’ के बुरी तरह से असफल होने के बाद रितिक रोशन के करियर पर लगे सवालिया निशान को खत्म करने व रितिक रोशन के करियर को संवारने के बारे में सोचते तो वह ‘काबिल’ को छह जनवरी या तेरह जनवरी को प्रदर्शित कर फायदा उठा सकते थे. 23 दिसंबर 2016 को प्रदर्शित फिल्म ‘दंगल’पहले दिन से जबरदस्त कमायी करती आ रही है, मगर 15 दिन बाद 6 जनवरी से बाक्स आफिस पर ‘दंगल’ का प्रभाव कम होने लगा है. यानी कि 6 जनवरी या उसके बाद कोई दूसरी फिल्म प्रदर्शित होती, तो उसे जबरदस्त फायदा मिलता. लेकिन 6 जनवरी को कोई फिल्म प्रदर्शित नहीं हुई. 13 व 20 जनवरी को भी कोई बड़ी फिल्म प्रदर्शित नहीं हो रही है. ऐसे में राकेश रोशन फिल्म ‘काबिल’ को 6 या 13 जनवरी को प्रदर्शित कर बाजी मार सकते थे. मगर राकेश रोशन ने ऐसा करने की बनिस्बत अपने अंधविश्वास की दुहाई देते रहे.