दिल्ली मेट्रो दिल्ली की लाइफलाइन है. रोजाना लाखों लोग मेट्रो से सफर करते हैं. मेट्रो ट्रेन के फर्श पर न बैठने की हिदायत दी जाती है, पर आप मेट्रो के फर्श पर बैठती हैं. कभी-कभी पिकनिक सरीखा घेरा बनाकर भी बैठ जाती हैं. भेड़-बकरियों की तरह जबरदस्ती मेट्रो में घुसती हैं, क्योंकि आपको ऑफिस जल्दी पहुंचना है. यह सब जायज है, क्योंकि सब यही करते हैं. इस सबके बाद भी आपको दरवाजों पर ही खड़े होना है, भले ही अंदर कितनी भी खाली जगह हो. पर आज हम आपके मेट्रो ट्रेवलिंग हैबिट्स के बारे में बात नहीं करेंगे.

जरा सोचिए, रोजाना लाखों लोग, अलग-अलग तरह के लोग मेट्रो से सफर करते हैं. क्या कभी सोचा है कि भीड़-भाड़ वाले मेट्रो से सफर आपके स्वास्थ्य को किस तरह नुकसान पहुंचा रहा है? नहीं न?

1. मेट्रो सफर से होती है मानसिक थकान

मेट्रो ट्रेन के कोच बंद रहते हैं और दरवाजे भी स्टेशन आने पर ही खुलते हैं. बंद दरवाजों से कई बार आपको घुटन महसूस हो सकती है. अगर भीड़ अधिक हो तो आप और अधिक असहज महसूस करेंगी.

ये टिप्स अपनाकर आप बंद मेट्रो में भी सहज महसूस करेंगी:

- लंबी सांसें लें और छोड़ें.

- वक्त का सही इस्तेमाल करें. कोई अखबार, किताब या मैगजीन निकालकर पढ़ें. गानें सुनें या फिल्म देखें.

- अपनी अच्छी यादों को तरोताजा करें.

- अपने सह यात्रीयों से बात करें. वैसा इसका चलन कम है. पर आप चाहें तो पहल कर सकती हैं.

2. देर तक मेट्रो में खड़े होकर सफर करने से आपके शरीर को नुकसान होता है.

- गर्दन और पीठ में दर्द

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