शीर्षक में मैनेजमैंट शब्द देख कर घबराइए नहीं. इस की जितनी जरूरत किसी कंपनी के सीईओ या मैनेजर को है, उतनी ही स्कूलकालेज में पढ़ने वाले किशोरों को भी. मैनेजमैंट कोई कठिन सब्जैक्ट नहीं है, जिसे मोटीमोटी किताबें पढ़ कर ही सीखा जा सके. दरअसल, मैनेजमैंट के सूत्र बड़े सरल और मजेदार हैं और साथ ही असरदार भी.
मैनेजमैंट यानी प्रबंधन कैसे किया जाए, यह जानने से पहले आप का यह जानना जरूरी है कि मैनेजमैंट किस का करना है. आप को किसी और का मैनेजमैंट नहीं करना है. सब से बड़ा और सब से जरूरी मैनेजमैंट है अपने ही समय और काम का. भले ही आप अभी कमाई नहीं करते, परंतु समय कमा सकते हैं. इस कमाए गए समय में किए गए कार्य भविष्य में जीवनभर आप को आगे रखेंगे और बेहतर कैरियर एवं कमाई में मददगार बनेंगे.
जानिए मैनेजमैंट के सूत्र
जल्दी शुरुआत यानी ज्यादा समय
जल्दी उठें, फटाफट तैयार हों और शीघ्रता से अपने कामों की शुरुआत करें. फिर देखें कि पूरे दिन आप के पास समय ही समय होगा. सुबह योगा, कसरत या सैर को अपनी रोज की दिनचर्या में शामिल करें. इस से आप पूरे समय स्फूर्तिवान रहेंगे और शरीर के साथसाथ मन भी चुस्तदुरुस्त रहेगा.
मंडे से संडे तक एक जैसे
ऐसा नहीं कि स्कूलकालेज जाना है तो जल्दी उठ गए और छुट्टी वाले दिन देर तक बिस्तर पर पड़े रहे. ऐसा करेंगे तो सोमवार को सुबह जल्दी उठने में आलस महसूस होगा. इसलिए सातों दिन एक ही समय पर बिस्तर छोड़ें और हमेशा यही रूटीन फौलो करें.
क्या करना है, यह लिख लें