बौलीवुड एक बहुत ही अनोखी जगह है. यहां कोई रातों रात मशहूर हो जाता है तो कोई अर्श से फर्श पर आ जाता है. बौलीवुड की चका चौंध अक्सर ही आम लोगो को अपनी ओर आकर्षित करती है. लेकिन जैसा हमें दिखाई देता है यह उससे बिलकुल ही परे है.
कई ऐसे मौके आये जब हमें इस दुनिया की काली सच्चाई पता चली. और आज हम आपके लिए ऐसी ही एक खबर लेकर आये है. जो आपको बौलीवुड की हकीकत से रूबरू कराती है. यह खबर आपको चौंकायेगी, मगर यही बौलीवुड की असलियत है.
70 के दशक की एक मशहूर अभिनेत्री रही रंजीता. उन्होंने ‘लैला मजनू’ और ‘अंखियों के झरोखों से’ जैसी बौलीवुड की ब्लाकबस्टर फिल्मों में काम किया है. लेकिन रंजीता ने अपने पूरे फिल्मी करियर में सिर्फ 35 फिल्मों में ही काम किया है.
यह बात बहुत कम लोग जानते है की रंजीता ने अपनी एक जिद की वजह से खुद का करियर बर्बाद कर लिया था. 1976 में फिल्म ‘लैला मजनू’ से बौलीवुड में कदम रखने वाली रंजीता को जब कामयाबी मिलने लगी तो बहुत से फिल्म निर्देशक और प्रोड्यूसर ने उन्हें फिल्मों में बोल्ड सीन्स देने की डिमांड की. लेकिन रंजीता ने उनकी यह बात नहीं मानी. जिसके बाद धीरे-धीरे उनका करियर खत्म होने लगा और एक समय ऐसा भी आया जब निर्देशकों ने उन्हें फिल्में देना ही बंद कर दिया. और फिर वह मुंबई से पुणे चली गईं और वहां एक स्कूल में काम करने लगी.
रंजीता की आखिरी फिल्म 1990 में आई थी जिसका नाम था ‘गुनाहों का देवता’. और 15 साल के बाद उन्होंने दोबारा से फिल्मों में अपनी किस्मत को आजमाने के बारे में सोचा और 2005 में आई फिल्म ‘अंजाने’ से एक बार फिर से बौलीवुड में कदम रखा. लेकिन वह कहते हैं न किस्मत हर बार साथ नहीं देती ऐसा ही कुछ उनके साथ भी हुआ और दोबारा वह बौलीवुड में कामयाब नहीं हो पाई. उन्होंने 2000 में राज मसंद से शादी कर ली जो पेशे से एक बिजनेसमैन है. वर्त्तमान में वह अपने पति और बेटे के साथ अमेरिका में रह रहीं है.