इला पेशे से इंजीनियर है. सुबह पेपर की हैडलाइन पर सरसरी निगरह डालने के बाद राशिफल देखना नहीं भूलती और फिर राशिफल के अनुसार ही उस का मूड बनता-बिगड़ता रहता है. राशिफल में प्रियजन से तनाव लिखा होने पर कभी पति तो कभी मातहतों पर बरस पड़ती है. आप के सितारे शुभ फल देने वाले हैं, लिखा होने पर वह दिनभर बेसब्री से अच्छी खबर सुनने का इंतजार करती हुई, हर बात को उस के साथ जोड़ती रहती है.

जीवन पर आफत

21वीं सदी में अंधविश्वास वैज्ञानिक सोच वाले लोगों के लिए चुनौती है. अंधविश्वास के चलते बुराड़ी कांड में 11 लोगों का हंसताखेलता परिवार काल के गाल में समा गया था. इस के पहले महाराष्ट्र के हसनैन वरेकर कांड में एक ही परिवार के 14 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था. अंधविश्वास का मूल कारण पंडे-पुजारियों का प्रचार है जो अब अंगरेजी में साइंस को मिला कर भविष्य का डर दिखा कर वर्तमान को ठीक करने का दावा नेताओं की तरह करते हैं. कल क्या होगा, यह कोई नहीं जानता है. अपने मनमुताबिक नतीजे पाने के लिए लोग सुनीसुनाई बातों पर विश्वास कर के उन पर गौर करने को तैयार हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें: बोल्ड अवतार कहां तक सही

अंधविश्वास हमारी अज्ञानता, भय, निराशा और अफसोस की बात है कि पढ़े-लिखे लोग भी तर्क को ताक पर रख कर अंधविश्वास में जकड़े होते हैं. अंधविश्वास का प्रचार पंडों से ज्यादा उन के भक्त करते हैं. टीवी चैनल और सोशल मीडिया दोनों अंधविश्वास की जड़ें मजबूत करने में लगे हुए हैं. ये अंधविश्वास फैलाने के सशक्त माध्यम बन गए हैं. यह संदेश 10 लोगों को फौरवर्ड करें... मनचाही मुराद पूरी होगी, फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसी साइटों पर ऐसे संदेशों की बाढ़ आई हुई है. कभी गणेश के दूध पीने की खबर तो कभी चोटी कटवा की खबर विश्व में हमारे देश की छवि को घूमिल करती हैं. तो कभी दिन के अनुसार कपड़ों के रंग पहनने का आदेश दिया जाता है. हम चांद पर पहुंच चुके हैं, लेकिन महिलाएं करवा चौथ पर चांद का दीदार करने के लिए सज-संवर कर दिनभर उपवास करती हैं.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...