नौकरी कर रहे व्यक्ति को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने राहत दे दी है. अब नोटिस पीरियड नहीं देने के कारण अगर कोई कंपनी पैसा काटती है तो फिर उस व्यक्ति को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा.

इनकम टैक्स अपीलीय प्राधिकरण ने इस बारे में आदेश देते हुए कहा है कि अब कोई भी कंपनी ऐसे किसी भी व्यक्ति का इनकम टैक्स नहीं काट सकेगी. इस मामले से जुड़ी दो कंपनियों के विवाद को निपटाते हुए प्राधिकरण ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है कि कंपनी दोनों तरफ से उस व्यक्ति को आर्थिक रुप से नुकसान पहुंचाएं.

प्राधिकरण की अहमदाबाद बेंच ने आदेश देते हुए कहा था कि व्यक्ति को मिलने वाली सैलरी पर ही टैक्स काट सकते हैं और उन पर टैक्स नहीं लगेगा जिनको नोटिस पीरियड सर्व नहीं करने के कारण काटा गया है.

इनकम टैक्स एक्ट में है यह प्रावधान

इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार सैलरी पर टैक्स देय होता है, वो चाहे कंपनी अपने कर्मचारियों को दे अथवा नहीं देती है. जब कोई कर्मचारी संस्थान नोटिस पीरियड देने के बजाए सीधे इस्तीफा दे देता है, तो कंपनी सैलरी में से पैसे काट लेती है. लेकिन इनकम टैक्स अधिकारी इस तरह की कटौती को नहीं मानते हैं और वो नेट सैलरी पर इनकम टैक्स लगाते हैं.

प्राधिकरण ने माना रियल इनकम का कंसेप्ट

इनकम टैक्स अपीलीय प्राधिकण ने कहा कि जिस सैलरी के भाग को कंपनी ने पहले ही काट लिया है, उस पर इनकम टैक्स काटना सही नहीं है. इसलिए इनकम टैक्स अधिकारी उस राशि को कुल टैक्स राशि देय का हिस्सा नहीं मान सकते है.

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