2005 से अब तक 14 वर्ष के कैरियर में अंजना सुखानी ने हिंदी के साथ साथ तमिल, तेलगू, कन्नड़, पंजाबी व मराठी सहित कइ भाषाओं की पच्चीस से अधिक फिल्में की होंगी. अंजना सुखानी के कैरियर की सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होने अमिताभ बच्चन से लेकर कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया, पर वह किसी भी फिल्म में सोलो हीरोईन बनकर अब तक नहीं आ पायी. पिछले ढाई वर्ष से वह डिप्रेशन का शिकार थीं, जिसके चलते फिल्मों से दूर थीं, मगर अब ‘‘धर्मा प्रोडक्शंस’ की राज मेहता निर्देशित फिल्म‘‘गुड न्यूज’’से पुनः अभिनय में वापसी कर रही हैं. प्रस्तुत है उनसे हुई एक्सक्लूसिब बातचीत के मुख्य अंश. .
2005 से अब तक लगभग चैदह वर्ष के अपने कैरियर को किस तरह से देखती हैं?
-जब आप नान फिल्मी बैकग्राउंड गैर फिल्मी पृष्ठभूमि से आते हैं, तो हर छोटी उपलब्धि भी बहुत बड़ी लगती है. जब फिल्म इंडस्ट्री में आपका अपना कोई रिश्तेदार, जान पहचान वाला न हो,तो हर छोटा कदम मायने रखता है. मैं अपने परिवार की पहली लड़की हूं, जो कि बौलीवुड से जुड़ी है. सच कहूं तो अभी भी बहुत कुछ पाना बाकी है. मेरे अंदर अभी भी भूख है. मगर मुझे इस बात का सकून है कि अब तक मैने जो भी पाया है, मेरी जो भी उपलब्धि है, मैने कुछ बेहतरीन फिल्में की हैं, तो यह सब मैने अपने बलबूते पर पाया है. इसका मुझे गर्व भी है. यह मेरे लिए गर्व की बात है.
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आपने कुछ बड़ी फिल्में की, आपके अभिनय की तारीफ भी हुई, मगर सोलो हीरोईन के रूप में आपको फिल्में नहीं मिली. आपको हमेशा दो तीन हीरोईन वाली फिल्में मिली या फिल्मों में बहन आदि के किरदार ही मिले?