दांपत्य जीवन की डोर विश्वास के महीन धागे से बंधी होती है. यह जानते हुए भी सुलेखा के कदम बहकने लगे थे. उधर, पत्नी की बेवफाई से अनजान पति ने उस के भविष्य के लिए क्याक्या न सोचा था.