लड़के-लड़कियों का रिलेशनशिप में होना कोई नई बात नहीं हैं और न ही लड़कियों का अपने बौयफ्रैंड्स से छोटेमोटे गिफ्ट्स की उम्मीद लगाना नया है. लड़कियों की अपने बौयफ्रैंड्स से कई तरह की अपेक्षाएं होती हैं. कुछ के लिए रिलेशनशिप में आने का मतलब ही यह होता है कि आज तक जो इच्छाएं पूरी न हो सकीं, अब करेंगे. लेकिन, ये लड़कियां या तो स्कूलगोइंग होती हैं या फिर कालेजगोइंग, और उन के खुद के पास इतने पैसे नहीं होते जो उन के अरमानों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हों.
ऐसे में उन की जरूरतें पूरी करने के लिए प्रकट होते हैं उन के बौयफ्रैंड्स जिन्हें शरूशुरू में तो पैसा लुटाने और अपनी धाक जमाने में बड़ा मजा आता है, लेकिन जैसेजैसे उन के हाथ से पैसा जाने लगता है यह मजा सजा बन कर रह जाता है. डेट्स का बिल, मूवी टिकट, महंगे कैफे में खाना, मिलने पर फूल या चौकलेट, फोन का रिचार्ज विद ऐक्स्ट्रा डाटा पैक, फैस्टिवल और वेलैंटाइन पर अलग तोहफे और बर्थडे पर तो सम झो दीवाला निकल जाता है.
कहीं आनाजाना हो, तब भी रिकशे से ले कर पानी खरीदने तक का बिल बौयफ्रैंड की जेब से ही खर्च होता है, क्योंकि गर्लफ्रैंड का हाथ बैग में लिपस्टिक के लिए तो हर घंटे जाता है लेकिन पैसों के लिए नहीं. लड़कियों का पैसों के मामले में पूरी तरह से बौयफ्रैंड पर आश्रित हो जाना और हर छोटीबड़ी चीज के लिए उस का मुंह ताकना एक आदत बन जाती है जो समय के साथ पहले से ज्यादा गहराती जाती है.