संयुक्त अरब अमीरात में एक महिला को लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. महिला पर आरोप है कि उस ने खुद को सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर एक असफल शादी का शिकार बता कर अपने बच्चों की परवरिश के लिए लोगों से मदद की अपील की और 17 दिन में 50 हजार डौलर यानी लगभग ₹35 लाख जुटा लिए. उस महिला ने औनलाइन अकाउंट बनाए और अपने बच्चों की तसवीरों के माध्यम से उन की परवरिश के लिए आर्थिक मदद मांगी. लेकिन जब उस महिला के पूर्व पति को यह बात पता चली कि वह बच्चों की तसवीर दिखा कर लोगों से भीख मांग रही है, तो हैरान रह गया. फिर उस ने दुबई पुलिस के आपराधिक जांच विभाग को फोन कर सूचना दी और साबित किया कि उन के बच्चे उन के साथ रह रहे हैं. सिर्फ पैसे की खातिर सोशल
मीडिया पर अपने बच्चों को बदनाम कर यह महिला 17 दिनों में ₹35 लाख कमाने में कामयाब हो गई.
7 साल का तेजा इंदौर में अपने पिता के साथ रहता है. तेजा दिमागी पोलियो से ग्रस्त है, लेकिन अपने पिता के लिए तो जैसे रुपए कमाने की मशीन. पिता उसे भीख मंगवाने वाले गिरोह को कुछ समय के लिए किराए पर दे देता है. फिर गिरोह से जो पैसा मिलता है, उसे पिता नशे में उड़ा देता है.
इसी तरह एक और मामला है. एक बच्चा दिव्यांग के गैटअप में व्हीलचेयर पर बैठ कर खुद को गंभीर बीमारी से ग्रस्त बता कर भीख मांग रहा था. वहां से गुजर रहे जब एक शख्स को शंका हुई और पूछताछ की गई तो मामले का भंडाफोड़ हुआ. पुलिस के पूछने पर उस बच्चे का कहना था कि उसे सहारनपुर से जयपुर लाया गया था भीख मांगने के लिए. बच्चे ने कहा कि सब बच्चे रोज ₹1,000 से ₹1,500 तक भीख मांग कर मास्टरमाइंड को देते हैं. भीख का 20% हिस्सा मास्टरमाइंड बच्चों के परिवार वालों को भेजता है.