रिया ने प्रशांत से अपना अफेयर खत्म कर लिया. और करती भी क्या, क्योंकि जब भी कोई मनमुटाव होता, प्रशांत एक दीवार की तरह सख्त और कठोर बन जाता. उस में जैसे भावनाएं हैं ही नहीं. जो कुछ भी हो रहा है उस की पूरी जिम्मेदारी रिया पर है और उसे ही इस रिश्ते को आगे चलाने का दारोमदार उठाना है.
अपनी बात, अपनी भावनाएं प्रशांत को कितनी ही बार सम झाने के विफल प्रयासों के बाद रिया को लगने लगा था कि प्रशांत उसे कभी नहीं सम झ पाएगा. आखिर कब तक वह अकेले रिश्ता निभाती रहेगी. फिर एक समय ऐसा आया जब दोनों में से कोई भी रिश्ते में भावनाएं नहीं उड़ेल रहा था. रिश्ते का टूटना तय होने लगा था. रिया को तब तक पता नहीं था कि प्रशांत दरअसल एक कम आईक्यू वाला इंसान है.
क्या होता है आईक्यू
आईक्यू यानी इमोशनल कोशैंट, मतलब इमोशनल इंटैलिजैंस का माप. अपनी तथा दूसरों की भावनाओं को सम झ पाना, अपनी भावनाओं पर काबू रख पाना, उन्हें ढंग से प्रस्तुत कर पाना और आपसी रिश्तों को सू झबू झ व समानभाव से चला पाना इमोशनल इंटैलिजैंस की श्रेणी में आता है. निजी और व्यावसायिक दोनों में उन्नति की राह इमोशनल इंटैलिजैंस से हो कर गुजरती है. कुछ ऐक्सपर्ट्स का मानना है कि जिंदगी में तरक्की के लिए इमोशनल इंटैलिजैंस, इंटैलिजैंस कोशैंट से भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण होती है.
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, टोरंटो यूनिवर्सिटी और लंदन के यूनिवर्सिटी कालेज द्वारा प्रकाशित शोधों से साफ है कि जो लोग अपनी इमोशनल इंटैलिजैंस को बढ़ा लेते हैं वे दूसरों को मैनिपुलेट करने में कामयाब रहते हैं. लेकिन जो इस में कमजोर होते हैं, उन के पार्टनर्स को बहुत मुसीबत उठानी पड़ती है.