सवाल-
मैं 42 वर्षीय एक कंटैंट राइटर हूं. मुझे पिछले कुछ समय से बल्जिंग डिस्क की समस्या है. लौकडाउन के कारण पिछले 2-21/2 महीने घर से ही काम कर रहा हूं. लगातार कंप्यूटर पर काम करने और घर पर औफिस जैसा प्रोफैशनल सैटअप नहीं होने के कारण मेरी समस्या और बढ़ गई है. कृपया बताएं कि इस से बचने के लिए क्या करूं?
जवाब-
सब से पहले तो घर पर काम करने के लिए सही व्यवस्था करें. अपने ऐर्गोनामिक्स को सुधारें, ऐर्गोनामिक्स में आता है कि आप कैसे बैठें, कंप्यूटर की पोजीशन क्या हो. बोर्ड कहां हो, टेबल और कुरसी की हाइट कितनी हो. इस के अलावा एक ही जगह लगातार न बैठें, थोड़ीथोड़ी देर में बे्रक लें, उठें और चलें. बैठने और खड़े रहने के दौरान अपना पोस्चर ठीक रखें ताकि रीढ़ और डिस्क पर दबाव कम पड़े. हर दिन 20-30 मिनट ऐक्सरसाइज जरूर करें.
ये भी पढ़ें-
कोरोनाकाल ऐसा समय है, जिस की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. कोरोना वायरस का कहर इस प्रकार बरपा है कि मनुष्य जिसे सामाजिक प्राणी कहा जाता है, उसे ही समाज से दूरी बना कर रहना पड़ रहा है. यह ऐसा समय है जब समस्याएं भी नईनई हैं, तो उन के समाधान भी. कोरोना अभी इतनी जल्दी जाने वाला नहीं है. इसलिए कोरोनाकाल में लिए जा रहे कुछ फैसले भी अब लंबे समय तक साथ रहेंगे.
एक नजर डालते हैं विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे उन बदलावों पर जो आने वाले भविष्य में जीवन का अभिन्न अंग बनने वाले हैं.
डिजिटल क्रांति
लौकडाउन के समय विभिन्न क्षेत्रों में इंटरनैट पर निर्भरता बहुत बढ़ गई है. कंप्यूटर, लैपटौप, मोबाइल फोन जीवन के अहम अंग बन कर सामने आए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लौकडाउन के दौरान इंटरनैट के प्रयोग में 13% की बढ़ोतरी हुई है.