सवाल-
मेरी उम्र 64 साल है. मैं जानना चाहती हूं कि कोविड-19 महामारी के दौरान अगर मैं हिप्स रिप्लेसमैंट सर्जरी कराने का विकल्प चुनती हूं तो क्या जटिलताएं होने की खतरा बढ़ सकता है?
जवाब-
किसी भी महामारी के दौर में संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है, जिस से औपरेशन के कारण जटिलताओं का खतरा भी 20% तक बढ़ सकता है. आप औपरेशन के समय या रिकवरी के दौरान संक्रमण की चपेट में आ सकती हैं. इन जटिलताओं के कारण आप को आईसीयू में शिफ्ट करने की आशंका बढ़ सकती है और मृत्यु होने का खतरा भी अधिक होता है. अगर आप पहले से ही किसी गंभीर बीमारी जैसे हृदय रोग, किडनी या लिवर से संबंधित बीमारियों, डायबिटीज या फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रही हैं तो जटिलताओं का खतरा और अधिक होगा.
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कोरोना वायरस का फैलाने में मूक वाहक यानि साइलैंट कैरियर्स का भी योगदान रहा है. कुछ लोगों में खांसी, बुखार या कोई अन्य कोरोना का सिम्पटम नहीं होता है पर वे इस वायरस के प्रसार में सक्षम हैं. वाशिंगटन डीसी की जौर्ज टाउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के अनुसार यह संभव है. ऐसे साइलैंट कैरियर्स बेरोकटोक समाज में अपने दोस्तों या प्रियजनों से मिलते हैं और अनजाने में कोरोना का प्रसार करते हैं. हालांकि कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद रोग के सिम्पटम नहीं होना अचंभित करता है फिर भी यह सच है.
कितने लोग मूक वाहक श्रेणी में आते हैं और उन में कितनों का कोरोना के फैलाव में योगदान है, इस बारे में कुछ निश्चित नहीं है और इस दिशा में और ज्यादा जानने का प्रयास हो रहा है. मूक वाहकों को 3 श्रेणियों में रख कर इस का विश्लेषण किया गया है.