ये उन दिनों की बात है जब मोबाइल फोन नहीं आया था और लोग लैंडलाइन से ही काम चलाते थे. 21वीं सदी की बस शुरुआत ही हुई थी. कृष्णा और कावेरी दोनों एक ही औफिस में काम करती थीं और दोनों में दांत काटी रोटी वाली दोस्ती थी. दोनों साथ लंच लेतीं, अपना खाली समय साथ बितातीं और अपने जीवन की हर छोटीबड़ी घटना एकदूसरे से शेयर करतीं. औफिस में दोनों की दोस्ती की चर्चा थी और दोनों ट्वीन फ्रैंड्स के नाम से जानी जाती थीं. दोनों अच्छे परिवार से ताल्लुक रखती थीं, दोनों के पति भी उच्च पद पर थे और दोनों के बच्चे बड़े हो चुके थे. दोनों की उम्र 40-45 साल के करीब थी. कृष्णा गोरीचिट्टी, सुंदर सुंदर चेहरे वाली, मृदु स्वभाव की महिला थी. अधिक बात करना उस के स्वभाव में नहीं था.
वहीं कावेरी बेहद बातूनी, बिंदास और काफी बोल्ड महिला थी. सुंदर वह भी कम नहीं थी बस रंग थोड़ा कम था. दोनों अकसर बहस करतीं राजनीतिक, सामाजिक, पारिवारिक मुद्दों के अलावे एक मुद्दा यह भी होता कि आजकल महिलाएं अधिक असुरक्षित हो गई हैं और उन के प्रति होन वाले अपराध बढ़ गए हैं. कृष्णा कहती कि अधिकतर अपराध करने वाले कम उम्र के नौजवान ही होते हैं और इस तरह के अपराध करने वाले कम उम्र के नौजवान ही होते हैं और इस तरह एकदूसरे की बातों को काटने के लिए कई उदाहरण दिया करते और एकदूसरे को यह सलाह भी कि हमारी तो कट गई पर अपनी बच्चियों की हिफाजत हमारी जिम्मेदारी है. अत: उस की सुरक्षा में कोई चूक नहीं होनी चाहिए.