बंधनों में जकड़ा शिवानी का जीवन बिन प्यार के नीरस था. एक तरफ स्वार्थी मां तो दूसरी तरफ प्रेम की चाह. वह चाहती थी कि अपनी बढ़ती उम्र के साथ जल्दी से जल्दी विवाह बंधन में बंध जाए.