बचपन से ही मातापिता के स्नेह से वंचित माधुरी जब ससुराल गई तो वहां भी पल्लव के प्यार के सिवा सासससुर दोनों को ही बाहर की जिंदगी जीते देख उसे बड़ी ठेस पहुंची. लेकिन उस की तकलीफ के बीच जब सासुमां ने जिस तरह उस का खयाल रखा उस की वह कल्पना भी नहीं कर सकती थी.