मां की अत्यधिक व्यस्तता और तंगदस्ती की वजह से बेटे बिलकुल बेकाबू हो गए. वयस्क होते ही बड़ा बेटा अलग रहने लगा. कद्दावर शरीर के बल पर उसे एक नाइट क्लब में बाउंसर यानी दंगाफसाद करने वालों से निबटने की नौकरी मिल गई.