मारिया भारी मन से वहां से रुखसत हुई. वह यही सोच रही थी कि कैसे मार्गरेट ने इतनी तकलीफों का सामना किया होगा और अब सारी बातें जानने के बाद मार्गरेट के बदले और बेहाल स्वास्थ्य का कारण भी पता था. मारिया का मन तो कर रहा था कि रूथ बस कहीं से मिल जाए और वह उसे सरे बाजार नंगा कर बीच चौराहे में गोली मार दे. उस के भीतर गुस्से का ज्वालामुखी फट चुका था. इस ज्वालामुखी के शांत होने का सिर्फ एक ही उपाय था कि वह उसे सलाखों के पीछे देखे. पर यह इतना आसान भी नहीं था. मार्गरेट एक प्रवासी थी न्यूयौर्क में. इस रास्ते को तय करना बेहद मुश्किलों से भरा था, पर मारिया अब इन मुश्किलों से लड़ने के लिए स्वयं को तैयार कर चुकी थी.
2 दिन बाद एमिली ने मारिया को फोन कर खबर दी कि रूथ के लोकल गार्जियन जिन का नाम रोसेलिन था का पता मिल गया है. झट मारिया ने रूथ की आंटी का पता नोट कर उन से मिलने की सोची. समय न गंवाते हुए वे उस के घर जो बोस्टन में था के लिए रवाना हो गई. न्यूयौर्क से बोस्टन की दूरी बस द्वारा कुल 4 घंटों की थी. जैसेतैसे यह रास्ता भी तय हो गया. बस स्टौप से रोसेलिन का घर 5 मिनट की दूरी पर था. मारिया ने घर के दरवाजे पर दस्तक दी. दरवाजा रोसेलिन ने ही खोला. वह एक आकर्षक वृद्ध ब्रिटिश महिला थीं, जिन्होंने थोड़े आश्चर्यभाव के साथ दरवाजा खोला. उन्होंने दरवाजा खोलते ही पूछा ‘‘हू आर यू... व्हाट डू यू वांट.’’