विकास के दिल की भी यही हालत थी. वह भी चाहता था रातदिन नलिनी के साथ रहे. वह नलिनी के प्रेम में पूरी तरह डूब चुका था और नलिनी उस के.
फिर एक दिन विकास ने नलिनी के सामने विवाह का प्रस्ताव भी रख दिया और उसे समझाया कि तुम्हारी मम्मी बाद में भी हमारे साथ रह सकती हैं. अब तुम उन से बात कर लो.
जब नलिनी ने अपनी मां से इस विवाह की बात की तो उन्होंने तूफान खड़ा कर दिया. ऐसीऐसी बातें कीं, जिन्हें सुन कर नलिनी को शर्म आ गई. उन्होंने उसे अधेड़ कुंआरी मान लिया था. दोनों बेटे विदेश में थे, कुसुम की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी, वे अपने भविष्य की सुखसुविधाओं के लिए नलिनी के विवाह के लिए बिलकुल तैयार नहीं थी.
नलिनी मां को समझासमझा कर थक गई कि विवाह के बाद भी उन का ध्यान रखेगी, लेकिन वे टस से मस नहीं हुईं और रोरो कर इतना तमाशा किया कि नलिनी ने ही हार मान ली.
विकास ने यह सब सुना तो बहुत दुखी हुआ. वह उन के मन बदलने का इंतजार करने के लिए तैयार था. औफिस में पूरा दिन दोनों उदास रहे. कुछ समझ नहीं आ रहा था.
शाम को विकास ने नलिनी को उदास व गंभीर देख कर कहा, ‘‘चलो, वीकैंड पर काशिद बीच घूम आते हैं. कुछ मन बहल जाएगा. सोचते हैं, क्या कर सकते हैं.’’
थोड़े संकोच के बाद नलिनी तैयार हो गई. वह कब तक अपनी इच्छाओं को दबाए? क्या वह अपने लिए कभी नहीं जी पाएगी? वह विकास के साथ खुशीखुशी घूम कर आएगी.