कैथ को अपनी बेटी की कोई चिंता न रहती थी. एक दिन जब कैथ सारी रात बाहर काट कर जब घर आई तब पौ फटने को था. सैम ने डांटते हुए कहा, ‘‘अब आने की क्या जरूरत थी? दोचार दिन और मौज कर के आती.’’
कैथ ने भी गुस्से में कहा, ‘‘डौंट ट्राई टु बी लाइक रयूड इंडियन हस्बैंड. मेरे बाप का घर है, मैं ने तुम्हें पनाह दी है तभी तुम यहां रहते हो. मैं अपनी मरजी से आतीजाती रहूंगी.’’
‘‘ठीक है, तुम्हारा घर तुम्हें मुबारक. पर अगर तुम्हें मेरी वाइफ बन कर रहना है तो तुम्हें अपना ऐटीट्यूड और बिहेवियर चेंज करना होगा वरना तुम्हारे लिए मेरी जिंदगी में कोई जगह नहीं है.’’
‘‘अगर रोजरोज मुझे तुम रोकतेटोकते रहोगे तो तुम्हारे लिए भी इस घर में कोई जगह नहीं है. यू कैन गो.’’
‘‘मैं तो खुशीखुशी चला जाऊंगा पर लोलिता का क्या होगा?’’
‘‘यह तो अच्छा है कि लोलिता का रूप भले तुम से मिलता हो रंग से वह अमेरिकन दिखती है तुम्हारे जैसी एशियन नहीं वरना उसे कोई अमेरिकन लड़का मिलना संभव न होता. उस का जो भी होगा अच्छा होगा.’’
अगले ही दिन सैम 3 बड़े बक्सों में अपने कपड़े और जरूरी सामान ले कर कंपनी के गैस्ट हाउस में चला गया. 2 सप्ताह बाद वह एक अपार्टमैंट में चला गया. वहां उसे कैथ के वकील के द्वारा तलाक का नोटिस मिला. सैम ने अपनी बेटी को सारी कहानी बता दी.
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सैम और कैथ दोनों वकील के यहां बैठे थे. वकील ने कहा, ‘‘कैथ ने असमाधेय मतभेदों के चलते आप से तलाक की मांग की है. इस विषय में आप का क्या कहना है?’’