पहला भाग पढ़ने के लिए- फटे नोट का शेष हिस्सा भाग-1
वह जबतब अयान के चैंबर में घुस जाती और उस से हंसीमजाक करने लगती. हालांकि उम्र के हिसाब से अयान उस से लगभग 15 वर्ष बड़ा था, लेकिन इशिता को इस से कोई फर्क नहीं पड़ता था. वह उस से हमउम्र साथी की तरह व्यवहार करती थी. अयान खुद भी जब उस के साथ होता तो खुद को बहुत जवान महसूस करता था.
धीरेधीरे दोनों की जानपहचान बढ़ने लगी. रेगिस्तानी रेत सी इशिता कब अयान के कस के बंद किए गए दिल के दरवाजों को धता बताते हुए उस के भीतर समा गई अयान को इस का तनिक एहसास भी नहीं हुआ.
इन दिनों अयान का ड्रैसिंग सैंस भी काफी बदल गया था. शर्ट के कलर चटख और परफ्यूम की महक कुछ तेज होने लगी थी. चश्मे की जगह कौंटैक्ट लैंस ने ले ली थी.
‘‘बहुत हैंडसम लग रहे हो बौस,’’ कह कर इशिता जब उसे छेड़ देती थी तो अयान की बोलती बंद हो जाती थी. इशिता को इस शरारत में बहुत मजा आता था. अयान अनजाने ही अपने जीवन में इशिता की कल्पना करने लगा. इशिता का संपूर्ण व्यक्तित्व अयान को चुंबक की तरह अपनी तरफ खींचता था. शारीरिक रूप से दूर होते हुए भी मानसिक रूप से वह इशिता को अपने बहुत करीब पाता था.
न चाहते हुए भी अयान इशिता की पसंदनापसंद के हिसाब से खुद को ढालने की कोशिश करने लगा. कभीकभी उसे लगता था जैसे इशिता सचमुच ही उस की जिंदगी के फटे नोट का शेष हिस्सा है जिसे वह सालों से तलाश कर रहा था, लेकिन अब तक वह उस की पहुंच से दूर ही रहा.