लेखिका- प्रेमलता यदु
मैं तेज़ सांसों के साथ कौफी शौप के अंदर धीरेधीरे बढ़ने लगी. तभी मैं ने देखा, अतुल कौर्नर की एक टेबल पर मेरा इंतजार कर रहा है. उसे देखते ही मेरी आंखों में चमक आ गई और अतुल के चेहरे पर भी मुसकान की लहर दौड़ गई. टेबल के करीब पहुंचते ही अतुल ने मुझे बैठने का इशारा किया और मैं अतुल के सामने वाली चैयर पर बैठ गई. मेरे बैठने के थोड़ी ही देर बाद वेटर हमारी टेबल पर एक चौकलेट केक ले कर आया जिस पर लिखा था ‘हैप्पी वेलैंटाइन डे’. उस केक को देख मैं सरप्राइज्ड हो गई. केक काटने के बाद हमारी टेबल पर मेरा फेवरेट कैफेचिनो आ गया, जो कि अतुल ने पहले से ही और्डर कर रखा था. सरप्राइज यहीं पर खत्म नहीं हुआ. अतुल ने मुझे वेलैंटाइन कार्ड और रैड रोज़ भी दिया. उस के बाद हम लोग ड्राइव पर निकल गए.
अतुल की बाइक के पीछे बैठते ही मेरा मन रोमांचित हो उठा. बाइक हवा से बातें करने लगी और मैं अतुल के प्यार में खोने लगी. शहर से दूर एक लव स्पौट पर आ कर अतुल ने बाइक रोक दी और हम सब से नजरें बचाते हुए एक पेड़ के नीचे जा बैठे. तब मैं ने अपने बैग से कार्ड, रोज़ और गौगल निकाल कर अतुल की ओर बढ़ा दिया. उन्हें लेते हुए जब अतुल ने मेरा हाथ थामा तो शर्म से मेरे चेहरे का रंग गुलाबी हो गया और जब अतुल मेरे बालों पर अपनी उंगलियां फेरने लगा, मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गईं और मैं उस से लिपट गई. उस के बाद अतुल के होंठों की छुअन से मेरे पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ गई. दुनिया से बेखबर हम एकदूजे की आंखों में कुछ इस तरह डूबने लगे कि हमें इस बात का भी ख़याल न रहा कि अभी हमारी शादी नहीं हुई है और हम अपने घर के रूम में नहीं, पब्लिक प्लेस में हैं. तभी न जाने कहां से गश्त लगाती पुलिस वहां आ पहुंची और हम लव स्पौट से सीधे पुलिस स्टेशन आ पहुंचे.