लेखिका- मेहा गुप्ता
भले ही आकाश के दिल में उस के लिए कोई जगह नहीं थी, सिर्फ अट्रैक्शन था, पर वह नादान तो आकाश की नशीली बातों को प्यार समझ बैठी थी.
अब वह भी चाशनी में भीगे हुए दुनिया के सब से मीठे अल्फाज... मुहब्बत का स्वाद चख लेना चाहती थी. अपने दिल के कोरे पेपर पर किसी का नाम लिख देना चाहती थी. इसलिए उस ने भी आकाश का नाम अपने दिलोदिमाग और लैपटौप से झटक कर अलग कर दिया और फिर से अपना टिंडर अकाउंट खोल कर बैठ गई.
उस की नजर फ्रेंड सजेशन पर गई. उस ने तुरंत वह प्रोफाइल खोली. नाम था क्रिश और वह एमबीए का छात्र था.
इस बार वह कोई गलती नहीं करना चाहती थी. वो कहते हैं ना, दूध का जला छाछ भी फूंकफूंक कर पीता है. उस ने अपनी समझदारी का परिचय देते हुए क्रिश का फेसबुक और इंस्टा अकाउंट भी खंगाल डाला. इस तहकीकात के दौरान उस ने जाना कि वो एक पढ़ाकू किस्म का लड़का है, जिस ने ओलिंपियाड जैसी कई कंपटीशन का प्रथम खिताब अपने नाम कर रखा था. इस के सिवा वह भी मुसकान की तरह साहित्यप्रेमी था. कई प्रसिद्ध हिंदी और अंगरेजी साहित्यों के रिव्यू उस की वाल पर थे.
मुसकान ने सोचा कि कला प्रेमी है... वह जरूर ही बहुत डीसेंट होगा और प्यार की रूहानी गहराई को समझता होगा... ना कि सिर्फ जिस्मानी संबंध बनाने को इच्छुक होगा. उस ने राइट स्वाइप कर दिया, क्रिश भी जैसे बरसों से इसी पल की तलाश में था, तुरंत इट्स अ मैच का नोटिफिकेशन मुसकान की स्क्रीन पर आ गया.