कविता को कैंसर होने की खबर सुन कर तो जैसे नीरज की दुनिया ही उजड़ गई लेकिन जिस समझदारी से नीरज ने कविता के जीवन के अंतिम क्षणों में उसे प्यार और सुख दिया उस से न केवल नीरज को सुकून मिला बल्कि जिंदगी के प्रति एक नई आस भी जाग उठी.