महेश ने आभा को मिन्नी के बारे में ऐसा कुछ कह दिया जिस की उस ने कल्पना भी न की थी. उस के सपने चूरचूर हो गए. दिल में एक हूक सी उठी और वह अपने आंसुओं को रोक न पाई.