‘‘क्या पापा ने सारी बातें आप को बता दी थीं?’’
‘‘मैं विस्तार से बताती हूं, उस दिन तुम्हारे पापा कुछ फाइलों पर मेरे पापा के दस्तखत लेने घर आए थे. तभी पापा को दिल का दौरा पड़ा. तुम्हारे पापा ने उस समय सब संभाल लिया था. डाक्टरों ने उन को बाहर ले जाने के लिए कहा. मेरे पापा के साथ तुम्हारे पापा चले गए. उन्होंने तुम्हारे घर पर सूचित करने की जिम्मेदारी मुझ पर डाल दी. मैं तुम्हारी मम्मी को सूचित करना भूल गई. पापा को वहीं करीब 15 दिन लग गए.’’ सब सुन रहे थे.
मैडम बता रही थीं, ‘‘अब मेरे पापा को मेरी और अपने व्यापार की चिंता हुई. उन को सब से विश्वसनीय तुम्हारे पापा लगे. तुम्हारे पापा ने अपने लिव इन रिलेशन के बारे में बता दिया फिर भी मेरे पापा राजी थे, वे अपनी जिद पर अड़े रहे. राज को पापा यह बात बारबार कहते रहे कि वह तुम्हारी ब्याहता नहीं है, हो सकता है कि उसे कोई और मिल जाए. डाक्टर ने कह दिया था कि पापा के लिए कोई भी सदमे वाली बात जानलेवा हो सकती है. तब मैं ने तुम्हारे पापा को सुझाव दिया, हम दोनों नकली शादी कर लेते हैं. और हमारी शादी सादगी से बिना तामझाम के हो गई. ‘‘फिर पापा लग गए राज को व्यापार की बारीकियां समझाने. उन्होंने सारा व्यापार मेरे और राज के नाम कर दिया.
‘‘पापा को यह सब समझने में 15 दिन लग गए. इस दौरान तुम्हारे पापा एक रोबोट की तरह कार्य कर रहे थे. उन को लग रहा था कि वे अपनी ‘उस’ को धोखा दे रहे हैं. ‘‘इस बीच, मेरे पापा की मृत्यु हो गई. उन के अंतिम संस्कार और बाकी रस्मों में और 15 दिन लग गए. ‘‘जब फुरसत हुई तब तुम्हारे पापा ने मुझे याद दिलाया. मैं अपनी नकली शादी की बात को लगभग भूल गई थी. मैं राज को वास्तव में चाहने लगी थी. इसलिए राज की बात सुन कर मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई, फिर भी मैं राज के साथ गई परंतु वहां ‘वे’ नहीं मिलीं. आसपास पूछा तब पता चला कि एक दिन एक जीप आई थी, उस में बैठ कर वे चली गईं. कहां गईं, किसी ने नहीं बताया. उन के कार्यालय भी गए परंतु निराशा ही हाथ लगी. ‘‘हम ने खोजने की बहुत कोशिश की. तुम्हारे पापा ने मुझ से बोलना बंद कर दिया. बस, वे सारे कार्य कर रहे थे. लेकिन धीरेधीरे समय ने घाव को भर दिया. लेकिन तुम्हारे पापा मुझ से मन से नहीं जुड़ पाए.