अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों से बेखबर दीपकजी हमेशा पासपड़ोस की जरूरतें पूरी करने में लगे रहते. इसी वजह से उन के बच्चे कर्तव्यविमुख व अव्यावहारिक हो गए थे. लेकिन अचानक हुई दुर्घटना के बाद उन्होंने अपने परिवार व जिम्मेदारियों में संतुलन बिठा लिया लेकिन कैसे