‘‘विक्की डोनर’’, ‘‘दम लगा के हाईसा’’, ‘‘बरेली की बर्फी’’ और ‘‘शुभ मंगल सावधान’’ जैसी लीक से हटकर फिल्मों में अभिनय कर आयुष्मान खुराना ने स्वयं के लिए बौलीवुड में एक अलग जगह बना ली है. जब किसी क्विर्की व टैबू वाले विषय पर किसी फिल्म का जिक्र होता है, तुरंत आयुष्मान खुराना की याद आ जाती है. इसी तरह की एक और फिल्म ‘‘बधाई हो’’ में भी आयुष्मान खुराना नजर आने वाले हैं. मगर इसी बीच पहली बार उन्होने अपनी अब तक की ईमेज से परे जाकर श्रीराम राघवन की रोमांचक फिल्म ‘‘अंधाधुन’’ में अभिनय कर हर किसी को चौंका दिया. इस सफलतम फिल्म में उनके अभिनय को काफी सराहा गया.
अब आपका करियर किस दिशा में जा रहा है?
मेरा करियर एक सही दिशा में जा रहा है. लोग मुझे स्वीकार कर रहे हैं, पसंद कर रहे हैं. मेरे अंदर आत्म विश्वास आ गया है कि यदि फिल्म का कंटेंट अलग हो, कहानी अलग हो, तो दर्शक उसे स्वीकार करने को तैयार हैं. कुल मिलाकर मेरे हिसाब से मेरा करियर अच्छी दिशा में जा रहा है. मैं पहली फिल्म से ही अलग तरह की टैबू पर आधारित फिल्म कर रहा हूं. मेरे पास ऐसी पटकथाएं आती हैं, जो कि समाज के टैबू को तोड़ने वाली होती हैं. पर टैबू पर आधारित अलग तरह की फिल्मों के बीच कभी कभी ‘‘अंधाधुन’’ जैसी फिल्म भी हो जाती. तो जिस तरह की फिल्मों को लेकर मेरी इमेज बनी है, उससे हटकर भी मैं कुछ करने की कोशिश कर रहा हूं.
‘‘अंधाधुन’’ जैसी फिल्म कैसे हो जाती हैं?