डर्मालिंक्स, गाजियाबाद की ट्राइकोलौजिस्ट डाक्टर विदूषी जैन का कहना है कि लगभग 90% महिलाओं में मौनसून के मौसम में बालों की समस्या 30 से 40% तक बढ़ जाती है. वैसे तो 100 बालों तक गिरना आम बात है, लेकिन मौनसून के मौसम में यह संख्या 250 तक पहुंच जाती है, जिस का मुख्य कारण मौसम में उमस के कारण स्कैल्प में पसीने का रिसना, रूसी और ऐसिडिक बारिश का पानी भी हो सकता है.
बहुत ज्यादा नमी के अलावा इन दिनों फंगल इन्फैक्शन का खतरा सब से ज्यादा होता है. वैसे तो फंगल इन्फैक्शन जानलेवा नहीं होता है, लेकिन अगर उस का उपचार ठीक समय पर ढंग से न किया जाए तो गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है.
सौंदर्य विशेषज्ञा भारती तनेजा बालों की देखभाल के संदर्भ में बताते हुए कहती हैं कि बरसात के मौसम में तैलीय ग्रंथियां ज्यादा सक्रिय होती हैं, जिस के कारण सीबम के सिर की स्किन पर जमने से बाल चिपचिपे हो जाते हैं. इस से सिर में खुजली और बालों में डैंड्रफ होना आम समस्या है. इसलिए सिर की सफाई पर विशेष ध्यान दें और हर दूसरे दिन ऐंटीडैंड्रफ शैंपू करती रहें. बाल धोने से कम से कम 1 घंटा पहले तेल की मालिश करनी चाहिए. इस से बालों में चमक बनी रहेगी साथ ही बारिश के मौसम में बाल चिपचिपे भी नहीं होंगे.
मौनसून में चाय तथा नीबू का हर्बल हेयर रिंस काफी लाभदायक साबित हो सकता है. इस के लिए प्रयोग की गई चायपत्ती को खुले पानी में फिर से उबाल कर ठंडा कर लें और इसे शैंपू के बाद बालों को धोने में उपयोग में लाएं. अंत में 1 मग पानी में नीबू रस मिला कर इस से बालों को धोएं. बालों की मजबूती बनाए रखने के लिए हफ्ते में 3-4 बार बालों को प्रोटीन ट्रीटमैंट दें. इस के लिए फेंटे हुए 1 अंडे को गीले बालों पर लगाएं. 15 मिनट तक इसे लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें.