होली का त्यौहार आते ही मन में मौज-मस्ती, रंग-गुलाल, उमंग आदि की तस्वीर उभरती है. हालाँकि इस बार होली में बाहर निकलकर रंग खेलने का मौका नहीं, क्योंकि कोरोना महामारी एक बार फिर बढ़ रही है. असल में कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल और इस साल भी त्योहारों के मौज-मस्ती कम होती दिखाई पड़ रही है, लेकिन घर पर रंग और गुलाल खेलने से कोई मनाही नहीं है. इसलिए रंगों से त्वचा ख़राब होने का डर रहता है.
इस बारें में मुंबई की कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी हॉस्पिटल की डर्मेटोलोजिस्ट और केश विशेषज्ञ डॉ. रेशमा टी. विश्नानी कहती है कि होली खेलने के बाद ज़्यादातर हमारी त्वचा और बालों की हालत ख़राब हो जाती है, ऐसे में कुछ जरुरी सावधानियां बरतने पर इस समस्या से निजात पाया जा सकता है. कुछ टिप्स निम्न है,
होली के हफ़्ते भर बाद, वैक्सिंग, थ्रेडिंग, ब्लीचिंग, केमिकल पील्स और लेज़र नहीं करने चाहिए. इसके अलावा रेटिनॉयड्स, सैलिसायलिक और ग्लाइकॉलिक एसिड्स वाली क्रीम्स का उपयोग न करें, ये क्रीम्स त्वचा को ड्राई बना देती है.
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होली के दिन, भरपूर मात्रा में अच्छी क्वालिटी का मॉइश्चराइजर या ऑयल लगाएं, इसे 20 मिनट तक त्वचा में बैठ जाने दें. परिवार और दोस्तों के साथ रंग खेलने के 30 मिनट पहले वाटरप्रूफ सनस्क्रीन भी लगा लें. ऑयल, त्वचा द्वारा रंगों को सोखने से रोकेगा और बाद में त्वचा को ड्राई होने से भी बचायेगा. बालों में, कान के पीछे वाले हिस्सों में, कान पर, उंगली के पोरों के बीच में और नाखूनों के चारों ओर भी तेल लगा लेना सही होता है.