हैन शीर्षक कुछ अलग सा. पर अब वह जमाना नहीं रहा जब महिलाएं सजना के लिए सजें. उन्हें तो खुद का वजूद थामे हुए चलते जाना है, जिंदगी के हर मुकाम या पड़ाव को पार करने के लिए. हर महिला को खुद पर विश्वास करना होता है और इस विश्वास को पाने के लिए मेकअप यानी शृंगार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

मेकअप शब्द सुनते ही दिमाग में रंगबिरंगी लिपस्टिक, लिपेपुते चेहरे घूम जाते हैं, पर मेकअप का असली उद्देश्य होता है कमियों को छिपाना, उन नैननक्शों को उभारना जो आप की खूबसूरती में चारचांद लगाते हैं.

मैं खुद 40 का पड़ाव पार कर चुकी हूं और एक बात बहुत विश्वास के साथ कह सकती हूं कि हर उम्र की जैसे अलगअलग जरूरतें होती हैं, उसी तरह हर उम्र के साथ आप को अपने सौंदर्यप्रसाधन भी बदलने पड़ते हैं. अधिकतर महिलाएं एक ही प्रकार का फाउंडेशन या फेस पाउडर अथवा लिपस्टिक का शेड प्रयोग करती रहती हैं. मगर जरा सोचिए तो सही कि जब आप की स्किन उम्र के साथ बदल जाती है तो आप एक ही प्रकार के सौंदर्यप्रसाधन कैसे प्रयोग कर सकती हैं?

उम्र चाहे 6 वर्ष की हो या 60 वर्ष की आईना हर महिला का सब से करीबी साथी होता है, यही उसे उस के साथ हो रहे बदलावों से सब से पहले परिचित कराता है, तो क्यों न हम भी अपने इस साथी के हाथ में हाथ डाल कर अपने सौंदर्यप्रसाधन चुनें ताकि हम जीवन के हर पड़ाव पर सुंदर और गरिमामयी लगें. जानें उम्र के अनुसार सुंदर दिखने के टिप्स:

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...