2011 की सफल फिल्म ‘‘साहेब बीवी और गैंगस्टर’’ का तीसरा सिक्वअल है फिल्म ‘‘साहेब बीवी और गैंगस्टर 3’’. राजशाही कथा की तीसरी कड़ी में भी लालच, षडयंत्र, धोखाधड़ी और वासना की कहानी ही है. यहां भी साहब और पत्नी एक दूसरे के खिलाफ हैं. सभी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते निर्दयतापूर्ण कदम उठा रहे हैं. परिणामतः कहानी में अंधेरे के साथ ही खूनी मोड़ भी हैं. मगर फिल्म की कमजोर कड़ी है इसकी पटकथा व निर्देशन तथा संय दत्त का अभिनय.
इस कड़ी में भी फिल्म की कहानी अति महत्वाकांक्षी रानी माधवी देवी(माही गिल) और उनके पति आदित्य प्रताप सिंह(जिम्मी शेरगिल) के इर्दगिर्द घूमती है. रानी माधवी देवी राजनीति में काफी उंचा कद रखती हैं. जबकि आदित्य प्रताप सिंह अपने राजशी रुतबे और खोए हुए प्यार को पाने के लिए संघर्षरत हैं. महत्वाकांक्षाओं व स्वार्थ के चलते आदित्य प्रताप सिंह और माधवी देवी पति पत्नी होते हुए भी एक दूसरे के खिलाफ साजिश रचते रहते हैं. आदित्य प्रताप सिंह की दूसरी पत्नी हैं रंजना सिंह(सोहा अली खान).
कहानी वहां से शुरू होती है, जहां पर दूसरा भाग खत्म हुआ था. आदित्य प्रताप सिंह जेल में हैं और माधवी देवी महल में है. एक दूसरी सियासत के राजकुमार उदय प्रताप सिंह(संजय दत्त) लंदन में अपना बार चलाते हैं. भारत में उदय का सौतेला भाई (दीपक तिजोरी), मां (नफीसा अली), पिता (कबीर बेदी) व प्रेमिका सुहानी(चित्रांगदा सिंह) रहते हैं.
माधवी देवी मंत्री बन गई हैं और वह अपने साहब आदित्य प्रताप सिंह को जेल में ही रखना चाहती हैं. उधर आदित्य प्रताप सिंह अपनी बहन(रिशिमा कंधारी) और कन्हैया (दीपराज राणा) की मदद से जेल से बाहर निकलने का जुगाड़ कर लेते हैं. तब माधवी अपने लंदन में रह रहे दोस्त उदय प्रताप को भारत बुलाती हैं. उदय व माधवी नजदीकियां बढ़ती हैं. जिसके चलते अब आदित्य प्रताप सिंह ओर उदय प्रताप आमने समाने आ जाते हैं.