मूलतः भारतीय मगर अमरीका में पैदा हुईं और वहीं परवरिश पाने वाली अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अभिनेत्री पूजा कुमार अब तक तकरीबन 20 हौलीवुड फिल्मों के अलावा कुछ तेलगू भाषा की फिल्मों में काम कर चुकी हैं. पांच वर्ष पहले कमल हासन की फिल्म ‘‘विश्वरूपम’’ में अभिनय कर वह भारतीय सिनेमा से जुड़ी थीं. उसके बाद उन्होंने तेलगू की सफलतम फिल्म ‘‘गरूण वेगा’’ सहित कुछ फिल्में की. अब पूरे पांच वर्ष बाद वह एक बार फिर कमल हासन के साथ फिल्म ‘‘विश्वरूपम 2’’ में नजर आने वाली हैं. ‘विश्वरूपम 2’’ को हिंदी और तमिल में बनाने के साथ ही तेलगू भाषा में डब किया गया है. 10 अगस्त को सिनेमाघरों में पहुंचने वाली फिल्म ‘‘विश्वरूपम 2’’ में पूजा कुमार न्यूकलियर साइंटिस्ट के किरदार में नजर आएंगी..
हर भारतीय फिल्मकार की तमन्ना औस्कर अवार्ड जीतने की होती है. जबकि पूजा कुमार का मानना है कि भारतीय फिल्मकारों को रियालिस्टिक सिनेमा बनाने पर जोर देना चाहिए. वह कहती हैं- ‘‘औस्कर अवार्ड जीतने से भारतीय सिनेमा को पहचान मिलेगी, यह सोच ही गलत है. हां! हमें रियालिस्टिक कहानी को फन के साथ पेश करना होगा, तभी अमरीकन बौलीवुड सिनेमा के साथ जुड़ सकेंगे. हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि भारतीय फिल्म को औस्कर मिले या हमारे सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिले. बल्कि हमें सिनेमा में औथेंटिक कहानी दिखाने पर जोर देना होगा. पर हो यह रहा है कि भारतीय फिल्म में कभी हीरो कहीं पहुंच जाता है. कभी भी हीरोइन कहीं भी पहुंच जाती है. जिसमें सेंस नजर नहीं आता. इसलिए जरूरी है कि हम भारतीय अपने सिनेमा के लिए अच्छी कहानी गढ़े, अच्छे किरदार लिखें. तभी हम अमरीका सहित दूसरे देशों में भारतीय सिनेमा को लोकप्रिय बना सकेंगे.’’